क्या यह अन्धा कानून है ....??

एक केस में मैंने देखा की सादी के बाद लड़की के ससुराल याले उसे कितना भी परेसान करे, और लड़की के घर वाले कितनी भी कम्पलेन करे पुलिश कुछ नहीं करती, जबतक लड़की खुद कम्पलेन न करे या कोई बड़ा हादसा न हो जाये, लड़की चुप चाप यह सब इसलिए सहती है की अगर उसने कुछ कहा तो उसका पति उसे छोड  देगा, तब, कोई भी उसका साथ कब तक देगा, अय्से  ही  उसकी सारी ज़िन्दगी बीत जाती है .. पर ना तो उसे इन्साफ मिलता है और न ही प्यार....

ज़रुरत है जागने की, भ्रष्टाचार को मिटाने की ---- सारा सच

ज़रुरत है जागने की, भ्रष्टाचार को मिटाने की ..... सरकारी हॉस्पिटल मे मरीजो के लिए जो खाना आता है वो सारा मरीजो को नहीं मिलता, मिलता है तो वो वहां वार्ड मे खाना लाने वाले कर्मचारियों को. मरीजो को केवल आधा ही मिलता है और बाकि स्टाफ के लोग खुद ही खा लेते है. यही नहीं खाना बचाकर वह अपने घर बांध कर ले जाते है. मरीजो के लिए को जो दूध दिया जाता है, वो भी बचाकर अपने घर ले जाते है. और कैंटीन मे काम करने वालो का तो क्या कहना अपने घर का आधा राशन तो वो लोग कैंटीन से ही ले जाते है. कोई देखने वाला नहीं है, मरीजो और उनके मिलने आने वालो को रोकने के लिए तो गार्ड लगा रखें है, परन्तु इस चोरी को रोकने के लिए कोई भी नहीं....

आज ज़रुरत है जागने की, भ्रष्टाचार को मिटाने की....

पर्ची पर बिना डॉक्टर के सिग्नेचर बाहर से कोई भी सामान न लाए ...ऐसा क्यों ..हर जगह भ्रष्टाचार है फैला ..??

जयादातर सभी सरकारी अस्पताल मे ओ टी मे आए मरीजो के लिए बाहर से सामान मंगवाने पर वहा पर लगे बोर्ड पर यही लिखा होता है, क्योकि ओ टी मे मरीजो के बहाने अस्पताल में काम करने वाले कुछ लोग अपने फायेदे के लिए बाहर से सामान मंग्वालेते है जिसकी ज्यादा जरूरत भी नहीं होती,वह लोग ऊपर की कमाई के लिए सामान मंगवाकर बाद मे उसे वापस कर देते है या बेच देते है,...ऐसा क्यों ..हर जगह भ्रष्टाचार है फैला ..?? ..

उफ़ ये क्रिकेट लोगों का जुनून..

सारी रोड और सारे ऑफिस मे सन्नाटा है, उफ़ ये क्रिकेट लोगों का जुनून.. मुझे लगता है कि अंग्रेज़ ज़्यादा से ज़्यादा समय धूप में रहना चाहते थे और इसलिए उन्होंने क्रिकेट खेलना शुरु किया. लेकिन मैं यह देखकर हैरान हूं कि गर्म देशों के उमस भरे मौसम में भी लोग क्रिकेट खेल कर घंटों पसीना बहाना पसंद करते हैं...

R T I .आम आदमी की ताकत ...

जहा एक और सरकारी अधिकारी जानकारी से डरते है वाही आम आदमी की ताकत right to information act कानून बन गया है, अब जहा पर भी हमे लगता है की हमारा/सरकार के पैसो का दुरपयोग हो रहा है तो बस आप उसके PIO को पोस्टल आर्डर या Rs .10 cash देकर एक सादे पेपर पर उस काम से सम्बंधित कोई भी जानकारी मांग सकते है, और हमे 30 दिन के अंदर पूरी जानकारी दी जाती है , यदि 30 दिन तक जानकारी नहीं दी जाती है तो अपील की जाती है, जिसमे अपील अधिकारी जानकारी दिलाते हुए सम्बंधित अधिकारी पर 250 रूपये प्रति दिन जुरमाना भी लगा सकता है, जानकारी देने मे यदि कोई किसी पेपर की फोटो कॉपी या ज़यादा जानकारी मांगता है तो Rs 2 / प्रति कॉपी आपको PIO के पास जमा करने होंगे और पूरी जानकारी मिल जाएगी,