आपस मे भाई चारा बनाए

3 comments:

दीपक कुल्लुवी की कलम से said...

I LOVE MUSLIMS MORE THAN HINDU'S
KULUVI

Dr (Miss) Sharad Singh said...

काश, बार-बार एकता का वास्ता देने की आवश्यकता न रह जाए...हम सब एक जैसे इंसान हैं और एक जैसी मुश्क़िलों से जूझ रहे है।
....इंसान से इंसान को जोड़ने की दिशा में यह प्रयास प्रशंसनीय है।

Arshad Ali said...

mujhe bhi apne sath samjhen...