सारा सच ---- खुद इमानदार होना ही काफी नहीं....

सारा सच ---- खुद इमानदार होना ही काफी नहीं....
पूरे देश मैं नेता से लेकर सरकारी अधिकारी तक ज़्यादातर कोई भी इमानदार नहीं है 'उदाहरण अगर एक विभाग का एक छोटा सा पीओन भी अगर इमानदार हो तो पूरा ऑफिस इमानदार होता, क्योकि खुद इमानदार होने से ही काम नहीं चलता दूसरो को भी इमानदारी से काम कराना ही सही इमानदारी है ..

5 comments:

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' said...

आपकी इस उत्कृष्ट प्रविष्टी की चर्चा कल शुक्रवार के चर्चा मंच पर भी की गई है!
यदि किसी रचनाधर्मी की पोस्ट या उसके लिंक की चर्चा कहीं पर की जा रही होती है, तो उस पत्रिका के व्यवस्थापक का यह कर्तव्य होता है कि वो उसको इस बारे में सूचित कर दे। आपको यह सूचना केवल इसी उद्देश्य से दी जा रही है! अधिक से अधिक लोग आपके ब्लॉग पर पहुँचेंगे तो चर्चा मंच का भी प्रयास सफल होगा।

G.N.SHAW said...

सही कहा आपने - सुधर पहले मै से ही शुरू होता है !

Bharat Bhushan said...

सही दिशा में प्रयास. शुभकामनाएँ.
MEGHnet

Maheshwari kaneri said...

सही कहा पहले खुद में सुधार की जरुरत है...

Rajeev Lochan Sharma said...

Agar Aap khud imandar hein toh aas paas ka mahol swyam hi imandaar ho jaata hai