डॉक्टर से भी तारीक पे तारीक.. तारीक पे तारीक

डॉक्टर से भी तारीक पे तारीक तारीक पे तारीक
मे मोलाना आजाद मेडिकल डेंटल हॉस्पिटल गया एक दात बदलवाने दो साल बाद लैटर आया दात बदलने के लिए, और अब फिर दात तो लगा नहीं सफाई के लिए मिली तारीक पे तारीक , वहा देखा तो सभी को जरा से काम के लिए भी मिलती है सिर्फ तरीक आपसब जानते क्यों है नहीं ना क्योकि सरकार के साथ प्राइवेट हॉस्पिटल भी मिलकर काम कर रहे है उनको मरीज का इलाज नहीं करना उनको तो सिर्फ रेगिस्टर मे सिर्फ एंट्री करनी है और यह दिखाना है की हम डेली कितने मरीज देखते है सिर्फ एंट्री, ऐसे ही जयादातर सभी होस्पिटल मे यही हाल होता है लोग नजाने कहा कहा से अपने मरीज का इलाज कराने Delhi आते है पर उनको भी बस मिलती है तो तारीक.....

5 comments:

निर्मला कपिला said...

बिलकुल सच कहा आपने। ईलाज करवान भी आब किसी साहसी आदमी का ही काम रह गया है। शुभकामनायें।

डॉ. नूतन डिमरी गैरोला- नीति said...

सत्य है .डेट पर डेट दी जाती है... किन्तु यह सत्य नहीं की प्राइवेट डॉक्टर को हर समय ऐसी जगहों पर खींचना जो अपनी मेहनत से लोगो की सेवा कर रहा है... उसको कभी भी ना ही सरकारी एड मिलती है ना ही जनता की जबकि वो सेवा कर रहा है... ये बात और है की देश मे डॉक्टर को दिए जाने वाली फीस का एक संतुलन होना चाहिए... किन्तु सरकारी अस्पतालों मे जहा सरकार कितना खर्चा करती है वहाँ ऐसी स्तिथि अफ्सोस जनक है...

पूनम श्रीवास्तव said...

sara sach ji
sabse pahle to aapko dhanyvaad .tahe dil se aapki aabhari hun aapne apna samarthan dekar mujhe bahut hi protsahit kiya hai bahut hi achha laga .
aapki prastuti bahut hi sateek avamyatharth purn hai aapke bog ke naam ke aniusaar .aapki baat ka main shat -pratishat samarthan karti hun.
bahut bahut badhai
poonam

कडुआ सच said...

तारीक यानि अन्‍धेरा, आपको अन्‍धेरे पे अन्‍धेरा मिला, दुआ करेंगे आप ऐसे ही ठीक हो जायें फिर शायद तारीख की जरूरत ही नहीं रहेगी

S R Bharti said...

बिलकुल सच कहा आपने। ईलाज करवान भी आब किसी साहसी आदमी का ही काम रह गया है। शुभकामनायें।