AADHAR- UID card for persons with disabilities

With regard to my this email I would like to request you to allow us me to bring into your notice that AADHAR- UID card for persons with disabilities which will be on Sunday 18th Dec’2011 my residence at A-89, St- No-8, Jagat Puri, Krishna Nagar, Delhi-110051 .
This is would be an opportunity for persons with disabilities and their family member to get themselves enrolled for the AADHAR-UID card in a easy way as this camp would be dedicated to PwDs.
Therefore it’s my humble request you to circulate this within you contacts so that this message could reach to each and every PwDs into your knowledge and all respective known would be aware about this opportunity to share into their circles.
Further to share with you that i am writing this email from NEPAL as i am here for a period of 13 days for SOUTH ASIA REGIONAL LOGISTICS TRAINING by HANDICAP INTERNATIONAL which will be ending on 18th Dec’11 and i return India on 19thDec’11.
I believe that my friends those who are working hard in my absence would be getting support from you and some of PwDs would be getting enrolled from your side also.
best regards
sonu bhola
9350164514, 9910982367, 9540558801

4 साल के बच्चे ने T.V पर इमरान हाश्मी का फोटो देखते ही अपने मम्मी, डैडी से कहा गन्दा आदमी आ गया है चैनल change कर दो

4 साल के बच्चे ने T.V पर इमरान हाश्मी का फोटो देखते ही अपने मम्मी, डैडी से कहा गन्दा आदमी आ गया है चैनल change कर दो....एक चार साल का बच्चा भी जानता हैकि क्या गन्दा है और क्या अच्छा, अब तो T.V देखते वक़्त पता नहीं चलता कि कब ऐसा सीन आ जाए कि एक दम चैनल change करना पड़े, Add हो या Song सभी मे कही न कही ऐसा सीन आ ही जाता है जो कि बच्चो के साथ नहीं देखा जा सकता हम कितने भी मोर्डन हो जाए पर आखो मे कुछ तो शर्म होती ही है, पर यह सेंसर बोर्ड शयद नहीं जानता अनुपम खैर जैसे लोग भी अगर आवाज़ उठाते है तो बाहर का रास्ता दिखा दिया जाता है, इनके सिर्फ पैसा ही सब कुछ है शर्म नहीं, Computer, Net, Mobile etc. का भी गलत इस्तेमाल हो रहा है इन सब से बच्चो पर बोहोत बुरा असर पड़ रहा है, इनका अगर फाएदा है तो नुक्सान भी है, मे कोशिश करता हूँ कि अपने बच्चो और समाज मे ऐसी गंदगी न फैले, इसके लिए सावधान रहना बोहोत ज़रूरी है, क्या आप भी कोशिश करेंगे....??

Coming Soon सारा सच अपडेट ( हिन्दी समाचार पत्र ) Hindi News Paper

COMING SOON.. जल्द आ रहा है सारा सच अपडेट (हिन्दी समाचार पत्र) Hindi News Paper सभी साथियो से अनुरोध है अपनी कविताए/रचनाए इत्यादि देने के इच्छुक जल्द मेल करे .. 1st issue Print on 01-12-2011 thanks.

राष्ट्रीय एकता सम्मेलन

All invite राष्ट्रीय एकता सम्मेलन 14th Oct 2011 , 4- PM to 8- PM at Maulanker Hall, Vithal Bhai Patel House, Rafi Marg, Near Patel Chock Metro Station— in Delhi.
By- AIIAS (NGO), SaraSach, OBC Welfare Associatuon (NGO)

दिल्ली प्रेदश कांग्रेस कमेटी "मे' सचिव '( जन सिकायत प्रकोष्ठ )मे नियुक्ति पर बधाई

सलीम अहमद को " दिल्ली प्रेदश कांग्रेस कमेटी " मे ' सचिव ' ( जन सिकायत प्रकोष्ठ )मे नियुक्ति पर बधाई , सलीम जी आप ऐसे ही समाज सेवा करते रहें और ऐसे ही आपके पद बड़ते रहे,आपने जैसे अलग अलग संस्था के साथ मिलकर कार्य किये है, हर धर्म का सम्मान किया है, Other Backward के Development के लिए जो जी कार्य किये है वो सराहनिए है, आशा करते है की आप हमेशा समाज के लिए अच्छे कार्य करते रहे !

बेईमान / भ्रस्ट सरकारी अधिकारी का परिवार भी बेईमान / भ्रस्ट है

( बेईमान / भ्रस्ट सरकारी अधिकारी का परिवार भी बेईमान / भ्रस्ट है ) सरकारी अधिकारी बेईमान है तो उनकी बच्चे भी तो बेईमान होंगे ) जो आम लोगो की खून पसीने की कमाई, जोकि आम आदमी को मजबूरी मे रिश्वत के तोर पर देनी पड़ती है ,,यह लोग कैसे खाना खा लेते है, लोगो की खून पसीने की कमाई का,,आमदनी अठन्नी खर्चा रुपय्या, बच्चो ज़रा पूछो तो अपने पापा से एक अधरिकारी जिसकी तनख्वाह हर महीने 30,000/- है लेकिन खर्च 80,000/- करता है क्यों..कैसे ..?? उदाहरण अधिकारी के (!)- किचन का खर्च 10,000 हज़ार + बच्चो के स्कूल 12,000 हज़ार, + कपडे, 6,000 हज़ार + खुद का तथा गाडी का 15,000 हज़ार + बच्चो के एड्मिसन/ कोर्स इत्यादि पांच 20,000 , + घर मे T V etc. 10 ,000 . हज़ार, यह सब तो बोहोत कम है, और खर्चे तो जोड़े ही नहीं, पूछो तो ज़रा ???? ज़यादातर सभी सरकारी अधिकारी बेईमान है तो उनकी बच्चे भी तो बेईमान होंगे ......यदि कोई भी सरकारी अधिकारी के बच्चे यह पोस्ट पढ़ रहे है तो तुम खुद ही सारा खर्चे का टोटल करो, और तुम्हे खुद ही पता लग जाएगा, फिर अपने माता पिता से पूछो तब मुझे जवाब दो .. ??

अब तो घूसखोरी, बिना पैसे के कोई काम नहीं..


अब तो घूसखोरी, बिना पैसे के कोई काम नहीं..सरकारी सभी विभागों मे, घूसखोरी/बिना पैसे के कोई काम नहीं, पहले पैसा दो फिर काम होगा CPWD के एक division मे ऊचे पद पैर बैठे Engineer बिना घूसखोरी/ बिना पैसे के कोई काम नहीं करता हर बिल पर 2 % comission लेने के बाद ही पेमेंट करता है साल का बजट 12 करोर्ड का सभी से 2 % तक़रीबन 20 लाख अलग के कमाता है कोई कुछ नहीं करता क्योंकी वो खुद भी ता Commission लेता है !

आज ज़रुरत है जागने की, भ्रष्टाचार को मिटाने की....

..ज़रुरत है जागने की, भ्रष्टाचार को मिटाने की ..... सरकारी हॉस्पिटल मे मरीजो के लिए जो खाना आता है वो सारा मरीजो को नहीं मिलता, मिलता है तो वो वहां वार्ड मे खाना लाने वाले कर्मचारियों को. मरीजो को केवल आधा ही मिलता है और बाकि स्टाफ के लोग खुद ही खा लेते है. यही नहीं खाना बचाकर वह अपने घर बांध कर ले जाते है. मरीजो के लिए को जो दूध दिया जाता है, वो भी बचाकर अपने घर ले जाते है. और कैंटीन मे काम करने वालो का तो क्या कहना अपने घर का आधा राशन तो वो लोग कैंटीन से ही ले जाते है. कोई देखने वाला नहीं है, मरीजो और उनके मिलने आने वालो को रोकने के लिए तो गार्ड लगा रखें है, परन्तु इस चोरी को रोकने के लिए कोई भी नहीं....

आज ज़रुरत है जागने की, भ्रष्टाचार को मिटाने की....

सारा सच ---- खुद इमानदार होना ही काफी नहीं....

सारा सच ---- खुद इमानदार होना ही काफी नहीं....
पूरे देश मैं नेता से लेकर सरकारी अधिकारी तक ज़्यादातर कोई भी इमानदार नहीं है 'उदाहरण अगर एक विभाग का एक छोटा सा पीओन भी अगर इमानदार हो तो पूरा ऑफिस इमानदार होता, क्योकि खुद इमानदार होने से ही काम नहीं चलता दूसरो को भी इमानदारी से काम कराना ही सही इमानदारी है ..

क्या यह अन्धा कानून है ....??

एक केस में मैंने देखा की सादी के बाद लड़की के ससुराल याले उसे कितना भी परेसान करे, और लड़की के घर वाले कितनी भी कम्पलेन करे पुलिश कुछ नहीं करती, जबतक लड़की खुद कम्पलेन न करे या कोई बड़ा हादसा न हो जाये, लड़की चुप चाप यह सब इसलिए सहती है की अगर उसने कुछ कहा तो उसका पति उसे छोड  देगा, तब, कोई भी उसका साथ कब तक देगा, अय्से  ही  उसकी सारी ज़िन्दगी बीत जाती है .. पर ना तो उसे इन्साफ मिलता है और न ही प्यार....

ज़रुरत है जागने की, भ्रष्टाचार को मिटाने की ---- सारा सच

ज़रुरत है जागने की, भ्रष्टाचार को मिटाने की ..... सरकारी हॉस्पिटल मे मरीजो के लिए जो खाना आता है वो सारा मरीजो को नहीं मिलता, मिलता है तो वो वहां वार्ड मे खाना लाने वाले कर्मचारियों को. मरीजो को केवल आधा ही मिलता है और बाकि स्टाफ के लोग खुद ही खा लेते है. यही नहीं खाना बचाकर वह अपने घर बांध कर ले जाते है. मरीजो के लिए को जो दूध दिया जाता है, वो भी बचाकर अपने घर ले जाते है. और कैंटीन मे काम करने वालो का तो क्या कहना अपने घर का आधा राशन तो वो लोग कैंटीन से ही ले जाते है. कोई देखने वाला नहीं है, मरीजो और उनके मिलने आने वालो को रोकने के लिए तो गार्ड लगा रखें है, परन्तु इस चोरी को रोकने के लिए कोई भी नहीं....

आज ज़रुरत है जागने की, भ्रष्टाचार को मिटाने की....

पर्ची पर बिना डॉक्टर के सिग्नेचर बाहर से कोई भी सामान न लाए ...ऐसा क्यों ..हर जगह भ्रष्टाचार है फैला ..??

जयादातर सभी सरकारी अस्पताल मे ओ टी मे आए मरीजो के लिए बाहर से सामान मंगवाने पर वहा पर लगे बोर्ड पर यही लिखा होता है, क्योकि ओ टी मे मरीजो के बहाने अस्पताल में काम करने वाले कुछ लोग अपने फायेदे के लिए बाहर से सामान मंग्वालेते है जिसकी ज्यादा जरूरत भी नहीं होती,वह लोग ऊपर की कमाई के लिए सामान मंगवाकर बाद मे उसे वापस कर देते है या बेच देते है,...ऐसा क्यों ..हर जगह भ्रष्टाचार है फैला ..?? ..

उफ़ ये क्रिकेट लोगों का जुनून..

सारी रोड और सारे ऑफिस मे सन्नाटा है, उफ़ ये क्रिकेट लोगों का जुनून.. मुझे लगता है कि अंग्रेज़ ज़्यादा से ज़्यादा समय धूप में रहना चाहते थे और इसलिए उन्होंने क्रिकेट खेलना शुरु किया. लेकिन मैं यह देखकर हैरान हूं कि गर्म देशों के उमस भरे मौसम में भी लोग क्रिकेट खेल कर घंटों पसीना बहाना पसंद करते हैं...

R T I .आम आदमी की ताकत ...

जहा एक और सरकारी अधिकारी जानकारी से डरते है वाही आम आदमी की ताकत right to information act कानून बन गया है, अब जहा पर भी हमे लगता है की हमारा/सरकार के पैसो का दुरपयोग हो रहा है तो बस आप उसके PIO को पोस्टल आर्डर या Rs .10 cash देकर एक सादे पेपर पर उस काम से सम्बंधित कोई भी जानकारी मांग सकते है, और हमे 30 दिन के अंदर पूरी जानकारी दी जाती है , यदि 30 दिन तक जानकारी नहीं दी जाती है तो अपील की जाती है, जिसमे अपील अधिकारी जानकारी दिलाते हुए सम्बंधित अधिकारी पर 250 रूपये प्रति दिन जुरमाना भी लगा सकता है, जानकारी देने मे यदि कोई किसी पेपर की फोटो कॉपी या ज़यादा जानकारी मांगता है तो Rs 2 / प्रति कॉपी आपको PIO के पास जमा करने होंगे और पूरी जानकारी मिल जाएगी,

एम सी डी (मोस्ट करप्ट डिपार्टमेंट) के बाद, पी डब्लू डी (पर्सनल वेलफेअर डिपार्टमेंट )

एम सी डी (मोस्ट करप्ट डिपार्टमेंट) के बाद, पी डब्लू डी (पर्सनल वेलफेअर डिपार्टमेंट )
सरकार को चूना लगाने मे पी डब्लू डी के कुछ अधिकारी भी पीछे नहीं है आए दिन अखबार मे टीवी पर ये देखने को मिलता ही है, उदाहरण आये दिन हर जगह रोड खुदी पड़ी रहती है सरकारी विभाग आपस मे तालमेल नहीं रखते, क्योकि अपने ठेकेदार से काम करवाकर हिस्सा लेकर खुद भी तो पैसा कमाना है, जिससे सरकार का लाखो का नुकसान भी होता है

डॉक्टर से भी तारीक पे तारीक.. तारीक पे तारीक

डॉक्टर से भी तारीक पे तारीक तारीक पे तारीक
मे मोलाना आजाद मेडिकल डेंटल हॉस्पिटल गया एक दात बदलवाने दो साल बाद लैटर आया दात बदलने के लिए, और अब फिर दात तो लगा नहीं सफाई के लिए मिली तारीक पे तारीक , वहा देखा तो सभी को जरा से काम के लिए भी मिलती है सिर्फ तरीक आपसब जानते क्यों है नहीं ना क्योकि सरकार के साथ प्राइवेट हॉस्पिटल भी मिलकर काम कर रहे है उनको मरीज का इलाज नहीं करना उनको तो सिर्फ रेगिस्टर मे सिर्फ एंट्री करनी है और यह दिखाना है की हम डेली कितने मरीज देखते है सिर्फ एंट्री, ऐसे ही जयादातर सभी होस्पिटल मे यही हाल होता है लोग नजाने कहा कहा से अपने मरीज का इलाज कराने Delhi आते है पर उनको भी बस मिलती है तो तारीक.....

रोक सको तो रोक लो ....



जयादातर 8 से 10 तक के सभी बच्चे मोटर साइकिल पर ही स्कूल जाते है और कानून का मजाक उड़ाते है इसमें स्कूल वालो के साथ साथ उनके घर वाले भी उनको मोटर साइकिल दिलाकर उनका साथ देते है जो की खतरनाक है, पुलिश भी कुछ नहीं करती क्योकि या तो वो इनके रिस्तेदार होते है या कोई अफसर के या किसी नेता के रिश्तेदार होते है कुछ बच्चे दोस्तों को घुमाते है मोजमस्ती करते है क्या इनके माँ बाप ने कभी सोचा है की इन सब का और पेत्रोइल का खर्चा कहा से आता है कही आप crime को को बढ़ावा तो नहीं दे रहे, क्योकि चैन स्नाचिंग, चोरी, इत्यादी मे स्कूल के बच्चो का नाम भी आता है, जोकि आपके लिए और समाज के लिए खतरनाक है, ज़रा सोचिए.........

खुद इमानदार होना ही काफी नहीं ..

खुद इमानदार होना ही काफी नहीं....
पूरे देश मैं नेता से लेकर सरकारी अधिकारी तक ज़्यादातर कोई भी इमानदार नहीं है 'उदाहरण अगर एक विभाग का एक छोटा सा पीओन भी अगर इमानदार हो तो पूरा ऑफिस इमानदार होता, क्योकि खुद इमानदार होने से ही काम नहीं चलता दूसरो को भी इमानदारी से काम कराना ही सही इमानदारी है

AIIAS Invite You

AIIAS
National Integration and communal Harmoney
in Mailanker Hall, Vithal Bhai patel House, Rafi Marg,-----on---24-02-2011--at---4.30 pm--to--9.30 pm

खुद इमानदार होना ही काफी नहीं ..

खुद इमानदार होना ही काफी नहीं....
पूरे देश मैं नेता से लेकर सरकारी अधिकारी तक ज़्यादातर कोई भी इमानदार नहीं है 'उदाहरण अगर एक विभाग का एक छोटा सा पीओन भी अगर इमानदार हो तो पूरा ऑफिस इमानदार होता, क्योकि खुद इमानदार होने से ही काम नहीं चलता दूसरो को भी इमानदारी से काम कराना ही सही इमानदारी है ..

घूसखोरी - बिना पैसे के कोई काम नहीं..


घूसखोरी बिना पैसे के कोई काम नहीं..सरकारी सभी विभागों मे, घूसखोरी/बिना पैसे के कोई काम नहीं, पहले पैसा दो फिर काम होगा CPWD के एक division मे ऊचे पद पैर बैठे Engineer बिना घूसखोरी/ बिना पैसे के कोई काम नहीं करता हर बिल पर 2 % comission लेने के बाद ही पेमेंट करता है साल का बजट 12 करोर्ड का सभी से 2 % तक़रीबन 20 लाख अलग के कमाता है कोई कुछ नहीं करता क्योंकी वो खुद भी ता Commission लेता है !